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नहीं थे खुले पैसे, अलग-अलग इलाके में दो बच्चों की इलाज के बिना हुई मौत


बिहारशरीफ/सासाराम (बिहार).500 और 1000 रुपए की नोटबंदी से लोग हलकान हैं। बिहारशरीफ सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती एक नवजात की मौत रविवार की सुबह दवा व एंबुलेंस के अभाव में हो गई। रोहतास जिले में भी पांच सौ का चेंज नहीं मिलने पर बच्ची का इलाज नहीं हो सका। उसकी मौत हो गई। प्रसूता को बनाया बंधक...

- नालंदा में सरमेरा निवासी बिजेंद्र प्रसाद की पत्नी का सदर अस्पताल में प्रसव हुआ था। उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था।
- परिजनों की मानें तो कुछ दवा वार्ड में उपलब्ध नहीं थी। चिकित्सक ने बाजार से दवा लाने को कहा। पिता के पास 500 और 1000 के नोट थे।
- दुकानदार ने दवा देने से इनकार कर दिया। नवजात की हालत और बिगड़ गई। परिजन नवजात को पटना ले जाना चाह रहे थे।
- मगर एंबुलेंस चालक ने भी नोट लेने से इनकार कर दिया और नवजात की मौत हो गई। चिकित्सक प्रकाश कुमार ने बताया कि नवजात की हालत बिगड़ गई थी।
- कुछ दवा बाजार से लाने को कहा गया था। वह ऐसी दवा नहीं थी जिसके अभाव में नवजात की मौत हुई। वहीं शनिवार की सुबह डिहरी के क्लिनिक में बच्ची की मौत हो गई।
- सरैया गांव निवासी जोखन राम की 4 वर्षीय पुत्री बबीता की तबीयत खराब थी। बच्ची के पिता ने पांच सौ का नोट दिया। कंपाउडर ने खुला लाने को कहा।
- खुला नहीं मिला। सुनील बोस का कहना है कि हमारे अस्पताल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
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